दिल्ली की सड़कों पर केजरीवाल के खिलाफ उतरी बीजेपी, निकाला ‘पूर्वांचली सम्मान मार्च’
दिल्ली, भारत – दिल्ली में भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए ‘पूर्वांचली सम्मान मार्च’ निकाला। भाजपा के इस मार्च का उद्देश्य पूर्वांचल क्षेत्र से जुड़ी जनता को सम्मानित करना था और केजरीवाल सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना था। पार्टी नेताओं ने इस मार्च के दौरान केजरीवाल सरकार को निशाने पर लिया, खासतौर पर उनकी पूर्वांचल समुदाय से संबंधित कथित अनदेखी और उनके द्वारा किए गए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया।
पूर्वांचली सम्मान मार्च का उद्देश्य
भा.ज.पा. के नेताओं ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों के अधिकारों की अनदेखी की है और उनके लिए किए गए वादों को पूरा नहीं किया। इस मार्च का आयोजन पूर्वांचल क्षेत्र से जुड़े लोगों को जागरूक करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया।
भा.ज.पा. नेता ने कहा, “केजरीवाल सरकार ने चुनावों में पूर्वांचल के लोगों से कई बड़े वादे किए थे, लेकिन उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया। हम इस मार्च के जरिए उन्हें यह याद दिलाना चाहते हैं कि पूर्वांचल के लोग दिल्ली की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं और उनके अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।”
मार्च के दौरान की गई प्रमुख बातें
इस मार्च में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में हिस्सा लिया। मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और केजरीवाल सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया। पार्टी के नेताओं ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर आम आदमी पार्टी (AAP) का शासन जनहित में नहीं है और उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने अपने घोषणापत्र में जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए गए।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
भा.ज.पा. के इस मार्च पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ने प्रतिक्रिया दी है। AAP ने भाजपा के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में पूर्वांचल समुदाय के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी भाजपा के इस मार्च को राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश बताया और कहा कि भाजपा को पहले अपने कार्यकाल में दिल्ली की जनता के लिए किए गए वादों को पूरा करना चाहिए था।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
सोशल मीडिया पर भी इस मार्च को लेकर बहस तेज हो गई है। भाजपा समर्थकों ने इसे एक सही कदम बताया, जबकि AAP और कांग्रेस समर्थकों ने इसे चुनावी रणनीति के रूप में देखा। कुछ यूजर्स ने इस मार्च को एक और चुनावी हंगामा करार दिया, जबकि दूसरों ने भाजपा के इस मार्च को एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश बताया।
आगे का रास्ता
भा.ज.पा. के ‘पूर्वांचली सम्मान मार्च’ ने दिल्ली की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। अब यह देखना होगा कि क्या भाजपा इस मुद्दे को चुनावी अभियान में शामिल करती है और दिल्ली की जनता इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।